दुनिया का पहला नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट | World’s first nano liquid urea plant in hindi

कलोल गुजरात में प्रधानमंत्री ने 28 मई 2022 को दुनिया के पहले नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट (nano liquid urea plant in hindi) का उद्घाटन किया । भारत वर्तमान में अपनी उर्वरक जरूरत का एक चौथाई के लिए आयात पर निर्भर है । तरल यूरिया के निर्माण से भारत यूरिया की जरूरत हेतु आत्मनिर्भर हो जाएगा ।

दुनिया का पहला नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट

दुनिया के पहले नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट का निर्माण गुजरात के गांधीनगर जिले के कलोल में इफको IFFCO (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड ) ने 175 करोड़ की लागत से किया है । इस प्लांट की दैनिक उत्पादन क्षमता 500 मिलीलीटर की 1.5 लाख बोतल प्रतिदिन है । इस 500 ml की बोतल में 1 बोरी यूरिया के बराबर मात्रा में यूरिया, नैनोयूरिया के रूप में मौजूद होता है ।

नैनो लिक्विड यूरिया क्या है ? What is nano Urea ?

नैनो पार्टिकल्स से बने यूरिया को नैनो यूरिया कहते हैं। नैनो यूरिया में 4% नाइट्रोजन है । यह पौधे को नाइट्रोजन पहुंचाने में 80% तक प्रभावी है । नैनोयूरिया के प्रयोग से यूरिया की आवश्यकता आधी रह जाती है। इसका छिड़काव पौधे की पत्तियों पर किया जाता है। IFFCO द्वारा निर्मित नैनो यूरिया की 500ml की बोतल की कीमत 240 रुपए है । यह ठोस यूरिया की तुलना में 10 परसेंट सस्ता है और 2 गुना प्रभावी है।

नैनो यूरिया का विकास विश्व में पहली बार भारत ने किया है । भारत में इफको ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इसका निर्माण किया है और इसका पेटेंट भी इफको के पास है।

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नैनो लिक्विड यूरिया nano liquid urea plant in hindi
उत्पाद Proudctनैनो यूरिया
निर्माताIFFCO इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड
पेटेंट धारक IFFCO
नाईट्रोजन की मात्रा4%
प्लांटगुजरात के कलोल में
नैनो लिक्विड यूरिया nano liquid urea plant in hindi

नैनो यूरिया कैसे काम करता है?| How do nano fertilizers work?

नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर होता है । पत्तियों पर मौजूद स्टोमेटा/stomata से यह डायरेक्ट पौधे में प्रवेश कर जाता है और फ्लोएम/phloem में पहुंचता है । यहाँ से यह पूरे पौधे में सरकुलेट हो जाता है । पौधे में शेष बचा अतिरिक्त यूरिया प्लांट वैक्यूल में स्टोर हो जाता है ।

नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर इसलिए किया जाता है क्योंकि यह पत्तियों पर मौजूद छोटे-छोटे छिद्रों से बड़ी आसानी से भीतर प्रवेश कर जाता है । इसका आकार बहुत छोटा होता है जिस कारण नैनोयूरिया बहुत जल्दी पौधे के भीतर प्रवेश कर जाता है और इसकी बर्बादी भी कम होती है।

नैनो यूरिया का छिड़काव कैसे करें ?

सामान्य यूरिया 50% बुवाई के समय डाला जाता है । बाकी 50% बाद में डाला जाता है। नैनो यूरिया (nano liquid urea plant in hindi) को केवल पत्तियों पर स्प्रे किया जाता है । इसे फसल के दौरान से दो बार स्प्रे किया जाता है- पहला स्प्रे टिलिंग स्टेज में बुवाई के 30 से 35 दिन बाद किया जाता है । अगर पौधारोपण किया गया है तो 20 से 25 दिन बाद उसका स्प्रे किया जाता है । दूसरा स्प्रे पहले स्प्रे के 20 से 25 दिन बाद करना चाहिए, यह स्प्रे फूल खिलने से पहले किया जाता है। 1 लीटर पानी में 2 से 4 ml नैनो यूरिया डाला जाता है।

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सामान्य यूरिया और नैनो यूरिया में अंतर | difference between Urea and nano Urea

  • सामान्य यूरिया सफेद गोली या चूरे के रूप में बैग में मिलता है जबकि नैनो यूरिया तरल के रूप में बोतल में मिलता है।
  • सामान्य ठोस यूरिया में 46% नाइट्रोजन होती है जो उर्वरकों में सर्वाधिक है । जबकि लिक्विड नैनो यूरिया में केवल 4% नाइट्रोजन होती है ।
  • सामान्य यूरिया 1.7 एमएम से 2.5 एमएम तक ब्यास की गोलियों के रूप में मिलता है । जबकि नैनो यूरिया नैनो स्वरूप मैं होता है।
  • सामान्य यूरिया का छिड़काव मिट्टी में किया जाता है जबकि नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर किया जाता है।
  • सामान्य यूरिया छिड़काव के बाद सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है जबकि नैनोयूरिया के लिए सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती।
  • सामान्य यूरिया से भूजल भी प्रदूषित होता है जबकि नैनो यूरिया से भूजल प्रदूषित नहीं होता।
  • नैनो यूरिया सामान्य यूरिया से 10% सस्ता है।
  • नैनो यूरिया के प्रयोग से सामान्य यूरिया की तुलना में यूरिया की आवश्यकता आधी रह जाती है ।

इस प्रकार भारत ने नैनो यूरिया (nano liquid urea plant in hindi) का निर्माण करके कृषि क्षेत्र में एक उल्लेखनीय कार्य किया है । जिससे छोटे किसानों को अत्यधिक लाभ होगा , कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और भूमि को नुकसान भी कम होगा।

IFFCO के MD डॉक्टर यू एस अवस्थी के अनुसार- “नैनो लिक्विड यूरिया को फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने और भूजल की गुणवत्ता में सुधार लाने में बहुत प्रभावी पाया गया है । अभी तक नैनो यूरिया की 3.6 करोड़ बोतलों का निर्माण किया जा चुका है । जिनमें से ढाई लाख बेची जा चुकी हैं ।

1. नैनो यूरिया का निर्माण किसने किया है ?

IFFCO

2. नैनो यूरिया का पेटेंट किसके पास है।

IFFCO

3. नैनो यूरिया की 500ml की बोतल की कीमत कितनी है ?

नैनो यूरिया की 500ml की बोतल की कीमत 240 रुपए है ।

4. यूरिया कितने दिन तक काम करता है?

इसे फसल के दौरान से दो बार स्प्रे किया जाता है- पहला स्प्रे टिलिंग स्टेज में बुवाई के 30 से 35 दिन बाद किया जाता है । दूसरा स्प्रे पहले स्प्रे के 20 से 25 दिन बाद करना चाहिए ।

5. नैनो यूरिया कहाँ मिलेगा?

नैनो यूरिया को https://www.iffcobazar.in पर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है ।

6. नैनो यूरिया का छिड़काव कब करना चाहिए ?

इसे फसल के दौरान से दो बार स्प्रे किया जाता है- पहला स्प्रे टिलिंग स्टेज में बुवाई के 30 से 35 दिन बाद किया जाता है । अगर पौधारोपण किया गया है तो 20 से 25 दिन बाद उसका स्प्रे किया जाता है । दूसरा स्प्रे पहले स्प्रे के 20 से 25 दिन बाद करना चाहिए, यह स्प्रे फूल खिलने से पहले किया जाता है। 1 लीटर पानी में 2 से 4 ml नैनो यूरिया डाला जाता है।

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