पंचामृत योजना (Panchamrut Yojana ) उत्तर प्रदेश सरकार का गन्ना किसानों की आय को बढ़ाने तथा खेती किसानी के तरीकों में सुधार करने का एक अभिनव प्रयास है । सरकार गन्ने की गुणवत्ता में वृद्धि कर अधिक उत्पादन करना चाहती है, साथ ही गन्ने के साथ अन्य फसलों की खेती भी इस योजना का भाग है जिससे जहां भूमि की गुणवत्ता बढ़ेगी किसानों की आय भी बढ़ेगी।
इस योजना के अंतर्गत 5 विधियों का प्रयोग किया जाएगा जिससे खेती करने के तौर-तरीकों में परिवर्तन आएगा, संसाधनों की बचत होगी, मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ेगी, उर्वरकों आदि में होने वाला खर्च कम होगा और ऊर्वरकों से होने वाला नुकसान भी नहीं होगा।
इस लेख के माध्यम से आपको पंचामृत योजना की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। पंचामृत योजना क्या है?, पंचामृत योजना का उद्देश्य,पंचामृत योजना के लिए पात्रता, पंचामृत योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया,पंचामृत योजना के लाभ/विशेषताएं,पंचामृत योजना की चुनौतियां/कमियां।
पंचामृत योजना क्या है?
जैसा कि नाम से ही विदित है पंचामृत योजना में 5 विधियों को समाहित किया गया है। इसके अंतर्गत गन्ना बुवाई के दौरान “ट्रेंच प्रबंधन, मल्चिंग, पेडी प्रबंधन, ड्रिप सिंचाई तकनीक और सहफसलों” जैसी पांच विधियों का प्रयोग गन्ना किसानों द्वारा किया जाएगा । इन पांच तरीको से किसानों के संसाधनों की बचत होगी । ट्रेंच प्रबंधन व ड्रिप सिंचाई से लगभग 50% पानी की बचत होगी उपजाऊ मिट्टी का कटाव नहीं होगा। मल्चिंग , पेडी प्रबंधन से नमी बरकरार रहेगी। सह फसल उत्पादन से फसल विविधीकरण होगा। मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ेगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी।
किसानों को इस संबंध में जागरूक करने के लिए उत्तर प्रदेश गन्ना विभाग के अधिकारी गांवो का दौरा कर रहे हैं। पंचामृत योजना में गन्ने के साथ दालें, सब्जियां और तिलहन ओं का भी उत्पादन किया जाएगा।
योजना | पंचामृत योजना |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
विभाग | उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग |
वर्ष | 2022 |
लाभार्थी | गन्ना किसान |
उद्देश्य | गन्ने का उत्पादन बढ़ाना और गन्ना किसानों की आय बढ़ाना |
पंचामृत योजना का उद्देश्य
- Panchamrut Yojana का मुख्य उद्देश्य ट्रेंच, मल्चिंग , पेडी प्रबंधन, ड्रिप सिंचाई तथा सहफसली करण – इन पांच विधियों का प्रयोग करके खेती किसानी के तरीके में बदलाव लाकर गन्ना की पैदावार बढ़ाना और गन्ना किसानों की आय बढ़ाना है।
- योजना से भूमि की उर्वरता तो बढ़ेगी भूमि मर्दा और सूक्ष्म जीवों का संरक्षण भी होगा।
पंचामृत योजना के लिए पात्रता
- Panchamrut Yojana का लाभ उठाने के लिए किसान को उत्तर प्रदेश का नागरिक होना चाहिए।
- किसान को गन्ना उत्पादक किसान होना चाहिए।
- इसके अलावा शेष पात्रता सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर सूचित की जाएंगी । जिसके संबंध में हम आपको लिंक के द्वारा सूचित कर देंगे इसके लिए आप घंटे के बटन पर क्लिक करके इस वेबसाइट को सब्सक्राइब अवश्य करें तथा इस पेज को बुकमार्क कर लें।
पंचामृत योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
पंचामृत योजना में आवेदन हेतु लाभार्थी उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का लॉगिन कर सकते हैं । या फिर उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग के स्थानीय कार्यालय मैं सीधे जाकर आवेदन कर सकते हैं।आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करके जनता को सूचित किया जाएगा तभी आवेदन प्रारंभ होंगे।
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पंचामृत योजना के लाभ/विशेषताएं
- इस योजना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- गन्ने की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
- गन्ने के उत्पादन में वृद्धि होगी।
- गन्ना उत्पादन की लागत घटेगी।
- पानी की बचत होगी।
- सिंचाई संसाधनों पर खर्च घटेगा।जैसे- नहर, ट्यूबवेल आदि से।
- बिजली की बचत होगी।
- फसल विविधीकरण से फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा और पूंजीगत फर्स्ट फ्लोर कैश क्रॉप्स पर अत्यधिक निर्भरता से किसान विविध फसलों के उत्पादन की ओर अग्रसर होंगे।
- अत्यधिक कीटनाशक और उर्वरकों का प्रयोग में कमी आएगी।इसे भी किसानों के खर्चे घटेंगे।
- समग्र योजना से कृषि किसानों मर्दा पर्यावरण और उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।
पंचामृत योजना की चुनौतियां/कमियां
- अधिकांश सरकारी योजनाएं केवल बड़े किसानों तक ही सीमित रहती हैं। छोटे किसानों को भी सम्मिलित करने हेतु विशेष प्रयास योजना में नहीं किए गए हैं।
- आज गन्ना उन क्षेत्रों में भी उगाया जाता है जहां पानी की भारी कमी है । ऐसे क्षेत्रों में गन्ने के स्थान पर अन्य फसलों को उगाने के प्रयास होने चाहिए ना कि गन्ने के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- गन्ना किसानों की बड़ी समस्या गन्ने की समय पर पेराई और गन्ने के मूल्य की समय पर अदायगी है । जिसका योजना में कोई उल्लेख नहीं है।
- पंचामृत के पांचों तत्व परंपरागत कृषि के तरीके और तकनीक का सम्मेलन है। इसके लिए किसानों की सही से ट्रेनिंग की व्यवस्था का उल्लेख योजना में नहीं किया गया है।
निष्कर्ष
Panchamrut Yojana खेती किसानी के तौर तरीकों में परिवर्तन करके गन्ना किसानों के लिए और लाभदायक साबित होगी । यह योजना परंपरागत कृषि तरीकों और आधुनिक तकनीकों का एक सुंदर समावेशन है। जिससे किसानों को कई तरीकों से लाभ होंगे और यह सतत कृषि को बढ़ावा देकर समग्र रूप से राज्य और राष्ट्र के लिए भी एक मॉडल साबित होगा।
1.पंचामृत योजना को किसने लॉन्च किया है?
उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने।
2. पंचामृत योजना के लाभार्थी कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान।
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