भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार: टोयोटा मिराई

टोयोटा मिराई, भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार, माइलेज, सर्वाधिक इकोफ्रेंडली , ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन हाइड्रोजन नीति

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने ICAT-international centre के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में पहली ऑल हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक कार मिराई लांच की । इस कार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री भारत सरकार नितिन गडकरी ने लांच किया । यह दुनिया का पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन है । टोयोटा मिराई के लॉन्च के साथ भारत में हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों के एक नए युग का प्रारंभ हो गया है, क्योंकि हाइड्रोजन भविष्य का इंधन है । और इसमें आत्मनिर्भर होना किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत आवश्यक है।

किसी भी राष्ट्र की आर्थिक उन्नति में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान होता है । जैसे वर्तमान में पेट्रोलियम ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है, परंतु हम इसमें आत्मनिर्भर नहीं है । हम अधिकांश पेट्रोलियम का आयात करते है। इस संबंध में हाइड्रोजन का ईंधन के रूप में उत्पादन और प्रयोग भारत के विभिन्न उद्योगों और ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण होगा।

indias-first-hydrogen-fcev-hydrogen-based-fuel-cell-ev-toyota-mirai-hindi

टोयोटा मिराई भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार

जापानी कार कंपनी टोयोटा तथा किर्लोस्कर द्वारा निर्मित मिराई भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार है।इस कार में 3 हाइड्रोजन सिलेंडर लगाए गए हैं । यह सिलेंडर बुलेट प्रूफ सिलेंडर है, इनको सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित तरीके से फिट किया गया है , जिससे कि कार को कोई नुकसान ना हो, सुरक्षा हेतु कार में सेंसर लगाए गए हैं , जो खतरा होने पर पूरे सिस्टम को बंद कर देंगे । इस तरह यह एक पूर्णतया सुरक्षित हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार है।

मिराई अपनी विशिष्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित है । जिसके कारण से इसे गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।

मिराई शब्द का अर्थ जापानी भाषा में भविष्य होता है। इसका नाम मिराई रखा गया है क्योंकि यह भविष्य पर पर आधारित तकनीक है।

कार का संक्षिप्त परिचय

कारमिराई
कंपनीटोयोटा किर्लोसकर
ईंधन ग्रीन हाइड्रोजन
ईंधन निर्माता IOC इंडियन ऑयल
देश भारत
रेकॉर्ड गिनीज़ बुक में दर्ज

टोयोटा मिराई की रेंज / माइलेज

यह कार एक सिलेंडर को भरने पर 650 किलोमीटर चलती है । कार में 1.4 केवी (किलो वाट) की बैटरी लगी है जो सिलेंडर से उत्पन्न बिजली से चार्ज होती है । इसके एक सिलेंडर में 5.6 किलोग्राम हाइड्रोजन भरी जाती है।

दुनिया में सर्वाधिक इकोफ्रेंडली कार

टोयोटा मिराई आज दुनिया की सबसे इको फ्रेंडली कार है, क्योंकि इसमें ग्रीन हाइड्रोजन का ईंधन के रूप में प्रयोग होता है। ग्रीन हाइड्रोजन पूर्णतया नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त होती है। toyota मिराइ कार को FCEV advances fuel cell electric vehicle का ट्रायल करने हेतु पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है ।

टोयोटा के अनुसार इस कार का हाइड्रोजन टैंक 5 मिनट में फुल भर जाएगा जो लगभग 600 किलोमीटर चलेगा।

टोयोटा मिराई कार का इंजन कैसे कार्य करता है

इस कार में शुद्ध हाइड्रोजन से बिजली पैदा होती है । इसी बिजली से इसकी बैटरी चार्ज होती है और बिजली से वास्तव में कार चलती है । यह कार्य शुन्य कार्बन उत्सर्जन कार है, जो केवल पानी का उत्सर्जन करती है ।

कार में तीन हाइड्रोजन सिलेंडर लगाए गए हैं, जिनमें शुद्ध हाइड्रोजन भरी होती है । भरी गई हाइड्रोजन फ्यूल सेल के माध्यम से विद्युत उत्पन्न करती है, जो वाहन में लगी 1.4 किलोवाट की बैटरी में संरक्षित होती है इसी बिजली से मिराई कार चलती है । इस कार में एक हाईप्रेशर हाइड्रोजन ईंधन टैंक और एक इलेक्ट्रिक मोटर लगाई गई है पावर स्ट्रेन हाइड्रोजन को पानी और ऑक्सीजन में तोड़ता है जिससे ऊर्जा पैदा होती है हाइड्रोजन फ्यूल सेल इंटरनल कॉम्बशन इंजन की तरह गैस उत्सर्जन की बजाय टेल पाइप से पानी उत्सर्जित करता है।

मिराई कार किसकी संयुक्त परियोजना है?

भारत में यह अपनी तरह की एक विशिष्ट परियोजना है, जिसका उद्देश्य हाइड्रोजन advanced fuel cell electric vehicle के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह टोयोटा मोटर,किर्लोस्कर और ICAT की संयुक्त परियोजना है

ग्रीन हाइड्रोजन green hydrogen

ग्रीन हाइड्रोजन पूर्णतया नवीकरणीय स्रोतों से अथवा निम्न कार्बन स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा से निर्मित होती है ‌।

जब पानी से हाई वोल्टेज पर बिजली गुजारी जाती है तब हाइड्रोजन बनती है।अगर यह बिजली किसी नवीकरणीय स्रोत से आती है तो उस निर्मित हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है ।

ग्रीन हाइड्रोजन की आवश्यकता ।

ऊर्जा के अन्य नवीकरणीय स्रोतों, जैसे – सोलर या पवन ऊर्जा से प्राप्त ऊर्जा से ऊर्जा की सभी जरूरत नहीं पूरी की जा सकती या इनका प्रयोग सब जगह संभव नहीं है । जैसे लंबी दूरी के वाहनों में, स्टील प्लांटों में, थर्मल प्लांटों में आदि ऐसे में हाइड्रोजन ईंधन का विकल्प ऊर्जा क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है । विशेषकर तब, जब यह नवीकरणीय स्रोतों से मिले तो यह प्रकृति के लिए भी लाभदायक होगा।

ग्रीन हाइड्रोजन नीति

भारत सरकार ने भारत को हाइड्रोजन पावर बनाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनाई है । जिसके तहत 2030 तक 50लाख टन हाइड्रोजन बनाने की योजना है । सरकार इस नीति के तहत बहुत सी छूटें भी प्रदान कर रही है । ग्रीन हाइड्रोजन नीति का उद्देश्य औद्योगिक स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना तथा इसकी कीमत को $1 के स्तर पर लाना है।

ग्रीन हाइड्रोजन के लाभ

  • यह पूर्णतया इको फ्रेंडली है ।
  • इसका भंडारण किया जा सकता है ।
  • जरूरत के अनुसार इसके बहुआयामी प्रयोग संभव है ।
  • इसे ग्रीनहाउस/प्रदूषक गैसों का उत्सर्जन नहीं होता है । इससे केवल पानी का उत्सर्जन होता है।

ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़ी चुनौतियां

  • हाइड्रोजन तीव्र ज्वलनशील होती है । इससे दुर्घटना के समय आग पकड़ने का खतरा होता है ‌।
  • बड़ी मात्रा में ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करना औद्योगिक स्तर पर एक बड़ी चुनौती है।
  • ग्रीन आयोजन की पूरे देश में उपलब्धि सुनिश्चित करना भी एक बड़ी चुनौती होगी ।

ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन कहा जाता है, ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की क्षमता प्राप्त करना तथा इसमें आत्मनिर्भरता भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में क्रांतिकारी कदम हो सकता है। भारत की भविष्य की ऊर्जा व शक्तियों को देखते हुए ट्रेन हाइड्रोजन का निर्माण करना बहुत आवश्यक है।

FAQs

1. ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कौन करेगा ?

उत्तर- IOC इंडियन ऑयल कारपोरेशन

2. टोयोटा मिराई की रेंज कितनी है ?

उत्तर- 650 किलोमीटर

अन्य लेख पढ़ें –

यूपीआई 123पे

VINCOV-19 कोरोना के लिए पहली भारतीय स्वदेशी दवा

ऑपरेशन गंगा

1 thought on “भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार: टोयोटा मिराई”

Leave a Comment